लोगों की राय

लेखक:

मुकुंद लाठ

जन्म : १९३७, कोलकाता में। शिक्षा के साथ संगीत में विशेष प्रवृत्ति थी जो बनी रही। आप पण्डित जसराज के शिष्य हैं। अँग्रेज़ी में बी.ए. (ऑनर्स), फिर संस्कृत में एम.ए. किया। पश्चिम बर्लिन गये और वहाँ संस्कृत के प्राचीन संगीत-ग्रन्थ दत्तिलम् का अनुवाद और विवेचन किया। भारत लौटकर इस काम को पूरा किया और इस पर पी.एच-डी. ली।

१९७३ से १९९७ तक राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, के भारतीय इतिहास एवं संस्कृत विभाग में रहे। भारतीय संगीत, नृत्त, नाट्य, कला, साहित्य सम्बन्धी चिन्तन और इतिहास पर हिन्दी-अँग्रेज़ी में लिखते रहे हैं।

यशदेव शल्य के साथ दर्शन प्रतिष्ठान की प्रतिष्ठित पत्रिका उन्मीलन के सम्पादक और उसमें नियमित लेखन।

प्रमुख प्रकाशन : ए स्टडी ऑफ दत्तिलम्, हाफ ए टेल (अर्धकथानक का अनुवाद), द हिन्दी पदावली ऑफ नामदेव (कालावार्त के सहलेखन में), ट्रान्सफॉरमेशन ऐज़ क्रिएशन, संगीत एवं चिंतन, स्वीकरण, तिर रही वन की गंध, धर्म-संकट, कर्म चेतना के आयाम, क्या है क्या नहीं है। एक कविता-संग्रह अनरहनी रहने दो के नाम से।

प्रमुख सम्मान व पुरस्कार : पद्मश्री, शंकर पुरस्कार, नरेश मेहता वाङ्मय पुरस्कार, फेलो-संगीत नाट्य अकादेमी।

संपर्क : ए ३७/३८, विश्वामित्र मार्ग, श्याम नगर, जयपुर-३०२०१९ 7

मो. :  ०९८२९०६१७२५

अँधेरे के रंग

मुकुंद लाठ

मूल्य: Rs. 495

  आगे...

अनरहनी रहने दो

मुकुंद लाठ

मूल्य: Rs. 350

मुकुन्द लाठ चार दशकों से अधिक कविता लिखते रहे हैं। उनका यह संग्रह 1970 से लेकर 2012 के दौरान लिखी कविताओं का संग्रह है।

  आगे...

प्रत्यङ्मुख

मुकुंद लाठ

मूल्य: Rs. 450

  आगे...

प्राश्निक

मुकुंद लाठ

मूल्य: Rs. 400

  आगे...

सिसृक्षा का तत्व दर्शन

मुकुंद लाठ

मूल्य: Rs. 375

  आगे...

 

  View All >>   5 पुस्तकें हैं|